नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार से नाराज दिल्ली के सरकारी फार्मासिस्टों ने 21 मई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। फार्मासिस्ट संगठन ने मुख्य सचिव को इस बारे में पत्र लिखकर सूचित कर दिया है। इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव भूपेंद्र कुमार ने बताया कि दिल्ली सरकार से पहले भी कई बार पत्राचार किया गया और कई दौर में वार्ता हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने बताया कि वेतन विसंगति को दूर करने, उत्तराखंड की तर्ज पर ग्रेड पे 4800 करने, प्रमोशन व नए पद सृजित करने समेत तमाम मांगों को लेकर संगठन कई सालों से संघर्ष कर रहा है। 21 मई को होने वाली स्ट्राइक के बाद भी सरकार नहीं चेती तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
फार्मासिस्ट राज सैनी ने कहा कि अस्पतालों में मानक के अनुसार फार्मासिस्ट के पद सृजित नहीं हैं। अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि डॉक्टर्स के साथ फार्मासिस्ट पर भी अतिरिक्त काम का बोझ होता है। ऐसे में कई बार सरकार से कैडर बनाने और नए पद सृजित करने को लिखा गया पर सरकार के कानों तक जूं नहीं रेंगी। अब हमारे पास हड़ताल ही एक मात्र विकल्प रह गया है।
वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दिल्ली सरकार तब तक कुछ नहीं कर सकती, जब तक एलजी इसकी मंजूरी नहीं दे दें। फाइल एलजी के पास भेजी गई है। फिलहाल एलजी दफ्तर से कोई रिस्पांस नहीं आया है। कहना न होगा कि दिल्ली के कई बड़े सरकारी अस्पताल हैं जहाँ लाखों की संख्या में रोजाना मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में अगर फार्मासिस्ट हड़ताल पर जाते हैं तो दवा का संकट गहरा सकता है।