बहादुरगढ़। हरियाणा में झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में नागरिक अस्पताल परिसर से पुलिस का स्टीकर लगी एक गाड़ी से नशीली दवाइयां जब्त की गई हैं। गाड़ी से दवाइयां निकालते हुए पुलिस ने एक युवक को मौके से गिरफ्तार भी किया है। गाड़ी की पिछली सीट पर थैली और डिब्बे में नशीले इंजेक्शन और खांसी की दवा की शीशियां रखी हुई थीं। इनमें बिपरीनार्फिन और एविल के इंजेक्शन और ऑनरकस कफ सिरप की काफी शीशियां शामिल हैं। नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ. मुकेश इंदौरा का कहना कि बरामद दवाइयां प्रतिबंधित श्रेणी की हैं और बिना लाइसेंस के इन्हें नहीं बेचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ये दवाइयां दर्द में राहत देती हैं और नशे के तौर पर भी इस्तेमाल की जाती हैं। पुलिस ने भी सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर गाड़ी से दवाइयों को जब्त किया है। मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर को भी बुलाया गया। ड्रग इंस्पेक्टर ने दवाइयों की लिस्ट बनाकर पुलिस को सौंप दी है। ड्रग इंस्पेक्टर अमित धनिवाल ने बताया कि ये दवाइयां बिना लाइसेंस के नहीं बेची जा सकती। इन्हें बेचने के लिए बिल और लाइसेंस होना जरूरी है, लेकिन मौके पर न तो बिल मिला है और न ही लाइसेंस। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंधित श्रेणी में आती हैं और ऐसी दवाइयां डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर ही लाइसेंस धारक बेच सकता है।
पुलिस ने फिलहाल इस घटना का मामला दर्ज कर लिया है। मौके पर पकड़े युवक से जब्त दवाइयों और गाड़ी के संदर्भ में पूछताछ की जा रही है। पुलिस को ये भी पता करना है कि ये गाड़ी नागरिक अस्पताल में कैसे पहुंची और गाड़ी किसकी है और ये दवाइयां कहां से लाई गई हैं। बता दें कि नागरिक अस्पताल के पास दवाइयों की कई दुकानें हैं। हो सकता है उन्हीं में से किसी के तार इन नशीली दवाइयों से जुड़े हुए हों। इन दवाइयों की कीमत वास्तव में ज्यादा नहीं होती, लेकिन जब नशे के लिए इस्तेमाल होती हैं तो इनकी कीमत हजार रुपए तक पहुंच जाती है।