भागलपुर (बिहार)। मेडिकल स्टोर के ड्रग लाइसेंस में अब एकरूपता आएगी। आरटीओ की तर्ज पर जिला कोड के आधार पर ड्रग लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इसके आवेदन की प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी गई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग एक जुलाई से नए ड्रग लाइसेंस जिला कोड के साथ बनाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत औषधि महानियंत्रक (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने सभी राज्यों के औषधि नियंत्रक को पत्र जारी किया है। इसमें लाइसेंस के प्रारूप में बदलाव के निर्देश दिए हैं। इसके तहत थोक व फुटकर दवा दुकानों के लिए ड्रग लाइसेंस संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) की तर्ज पर बनाए जाएंगे। उन लाइसेंस पर संबंधित जिले के आरटीओ कोड का नंबर अंकित होगा।
विभाग से जारी होने वाले सभी लाइसेंस ऑनलाइन किए जाएंगे, जिससे केंद्र व राज्य सरकार कभी व कहीं भी उनकी औचक जाच (रैंडम चेकिंग) कर सकें। गौरतलब है कि औषधि विभाग में पहले ड्रग लाइसेंस मैनुअल बनाए जाते थे। आवेदकों को पूरे कागजात की फाइल बनाकर विभाग में जमा करनी होती थी। लिपिक एवं अफसर आवेदकों को कागजात पूरे करने के नाम पर परेशान करते थे। उनका आर्थिक दोहन भी होता था। अब नई ऑनलाइन व्यवस्था से पारदर्शिता आएगी। पुराने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इससे दवा दुकानदारों को अनावश्यक दौड़-भाग नहीं करनी होगी। उनके लाइसेंस भी नए प्रारूप में जारी किए जाएंगे।