पटना (बिहार)। बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्रीधारियों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। फार्मासिस्ट बहाली मामले में न्यायमूर्ति एम. एम. सुन्दरेश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि बहाली प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं लगेगी।
यह है मामला
पटना हाई कोर्ट ने अपने हालिया निर्णय में बिहार सरकार द्वारा लागू बिहार फार्मासिस्ट संवर्ग नियमावली को संविधानसम्मत ठहराया था। इसमें डिप्लोमा इन फार्मेसी (डी.फार्मा) को अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता घोषित किया गया है। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि बी. फार्मा और एम. फार्मा डिग्री, डी. फार्मा से उच्च हैं, इसलिए उन्हें भी आवेदन की अनुमति दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि भर्ती नियमों की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है और न्यूनतम योग्यता निर्धारण नीतिगत निर्णय का विषय है। हालांकि, कोर्ट ने राज्य सरकार और डी. फार्मा धारकों को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।