शिमला (हिमाचल प्रदेश)। जनऔषधि केंद्र में गैर जेनेरिक ब्रांडेड दवाएं नहीं बेच सकेंगे। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक हटाने से इनकार किया है। बता दें कि हाईकोर्ट ने जन औषधि केंद्रों में गैर जेनेरिक दवाएं बेचने पर रोक लगा रखी है। अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने रोक हटाने से इनकार किया है।

सिविल अस्पताल ठियोग के जन औषधि केंद्र संचालक ने रोक हटाने की मांग की थी। अदालत ने कहा था कि पीएमबीजेपी के तहत खोले गए जन औषधि केंद्र में गैर-जेनेरिक दवाएं नहीं बेची जा सकती। इनमें केवल सूची में शामिल दवाओं को ही बेचा जा सकता है।

जन औषधि संचालक का कहना था कि केवल जेनेरिक दवाओं से उसके कारोबार की कोई फिजिबिलिटी नहीं रह जाती। अदालत ने जन औषधि केंद्र संचालक की दलीलों से असहमति जताई। कहा कि ये केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत संचालित किए जा रहे हैं।

रोगी कल्याण समिति ने आवेदनकर्ता के तत्वावधान में जन औषधि केंद्र खोलने का विकल्प चुना है। इसलिए वह अनुदान की शर्तों को लागू करने के लिए बाध्य है। जन औषधि केंद्रों को चलाने के पीछे लाभ कमाने का मकसद प्रतीत नहीं होता है। इसलिए प्रार्थी की आर्थिक व्यवहार्यता जैसी दलील उचित नहीं है।