कर्नाटक। गांठदार त्वचा रोग के लिए बायोवेट की वैक्सीन को लाइसेंस प्राप्त हुआ है। भारत बायोटेक समूह की कंपनी बायोवेट ने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने डेयरी मवेशियों और भैंसों में गांठदार त्वचा रोग के खिलाफ पहली वैक्सीन बायोलम्पिवैक्सिन को लाइसेंस दिया है। इस नए स्वदेशी लाइव-एटेन्यूएटेड मार्कर वैक्सीन को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (आईसीएआर-एनआरसीई), हिसार के एलएसडी वायरस/रांची/2019 वैक्सीन स्ट्रेन का उपयोग करके विकसित किया गया है।
कर्नाटक के मल्लूर में स्थित अभिनव पशु स्वास्थ्य वैक्सीन निर्माता बायोवेट ने कहा कि बायोलम्पिवैक्सिन भारत की पहली एलएसडी वैक्सीन है। यह दुनिया की सबसे सुरक्षित और पहली संक्रमित को टीका लगाए गए जानवरों से अलग करने वाली (डीआईवीए) मार्कर वैक्सीन भी है। वैक्सीन की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता का भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में बड़े पैमाने पर परीक्षण किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि यह उच्चतम वैश्विक मानकों को पूरा करती है।
बायोवेट के संस्थापक डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि यह मार्कर वैक्सीन रोग निगरानी और उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए पशु चिकित्सा के लिए एक गेम-चेंजर है। कंपनी ने कहा कि बायोलम्पिवैक्सिन बहुत जल्द ही व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो जाएगा।