पलामू (झारखंड)। कैल्शियम, शुगर और एंटीबायोटिक की टेबलेट जांच में फेल पाई गई हैं। इस पूरे मामले में जांच शुरू हुई है। दवा कंपनी से टैबलेट को वापस लेने के लिए कहा गया है।
यह है मामला
सरकारी अस्पतालों में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की कोशिश की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली दवा सब-स्टैंडर्ड मिली है। कैल्शियम की टैबलेट मानक के अनुसार नहीं मिले। इस कड़ी में शुगर और एंटीबायोटिक के टैबलेट भी जुड़ गए हैं।
मई महीने में यह मामला सामने आया था। पलामू में सप्लाई होने वाले 2.15 करोड़ कैल्शियम की गोली सब-स्टैंडर्ड मिली। कैल्शियम की गोली को जांच के लिए कोलकाता लैब को भेजा था। जांच के बाद रिपोर्ट में सब-स्टैंडर्ड पाई गई। कैल्शियम की गोली पानी में घुल नहीं रही थी।
सप्लाई करने वाली कंपनी से दबाव वापस लेने को कहा। इसके बाद दबाव में दवाई वापस हो गई थी। उसके बदले नई कैल्शियम की गोली सप्लाई हुई। अक्टूबर महीने में पलामू में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड की चार अलग-अलग कंपनियों ने पलामू में कैल्शियम की गोली सप्लाई की है।
सिविल सर्जन, पलामू डॉक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हालिया सप्लाई कैल्शियम की गोली घुल नहीं रही है। इस कारण यह मानक के अनुसार नहीं है। इसको लेकर एजेंसी को पत्र लिखकर दवा वापस लेने के लिए कहा है। दवा को वापस भी मंगा लिया गया है। एजेंसी ने उसके बदले में दूसरी दवा दी है। कुछ दवाओं की खेप आई है। सभी को मानक के अनुसार जांच करवा कर वितरण किया जाएगा। ये दवा भी टेस्ट में फेल हुई है। उसके भी जांच के लिए भेजा जा रहा है। इसमें एक दवा है मेटफार्मिन और एमोथ्रोमाइसिन। इन दावों को भी वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।