नई दिल्ली। दवा लाइसेंस को अब केंद्र भी कैंसिल कर सकेगा। देश में दवाओं के लिए नए कानून में अब राज्य के साथ केंद्र सरकार के पास भी यह अधिकर रहेगा। गलती करने वाली कंपनियों के खिलाफ लाइसेंस कैंसिल किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र ने इसी साल यह नियम लागू करने का फैसला लिया है।

अभी तक यह अधिकार केवल राज्य औषधि नियंत्रक विभाग के पास था। नए कानून में केंद्र सरकार को भी लाइसेंस रद्द करने का अधिकार होगा। इसे लेकर अक्सर राज्य और केंद्रीय एजेंसी के बीच विवादित स्थिति भी रहती है। नया कानून आने के बाद गलत दवा बनाने वालों के खिलाफ केंद्र को सिफारिश नहीं करनी पड़ेगी। उसे सीधे कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त होगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने इस मसौदे को पेश किया है। अगर कोई निर्माता लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करता ह तो केंद्र या राज्य दोनों में से कोई भी प्राधिकरण लाइसेंस रद्द या निलंबित कर सकेगा। साथ ही, दवाओं के निर्माण, बिक्री या वितरण को रोकने और स्टॉक नष्ट करने का आदेश भी दिया जा सकेगा।