नई दिल्ली। कैंसर को खत्म करने में कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा को कारगर पाया गया है। दवा ‘स्टैटिन’ अब कैंसर के इलाज में भी नई उम्मीद बन सकती है। शोध में पता चला है कि यह दवा कोलोरेक्टल कैंसर की वृद्धि को धीमा कर सकती है। इस दवा का दोबारा उपयोग कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने में ली जाने वाली दवा ‘स्टैटिन’ अब कैंसर के इलाज में भी सहयोगी बनेगी। यह दवा ‘कोलोरेक्टल ट्यूमर’ (आंत से जुड़ा कैंसर) की वृद्धि को धीमा कर सकती है। फिलहाल यह शुरुआती नतीजे हैं और इसे नैदानिक परीक्षणों की जरूरत होगी।

मौजूदा दवाओं को दूसरे उद्देश्य से इस्तेमाल करना अब तेजी से प्रचलित हो रहा है। इससे नई दवा विकसित करने की तुलना में कम खर्च और तेज इलाज की संभावनाएं सामने आती हैं। हाल के वर्षों में दवाओं के नये उपयोग तलाशने की प्रक्रिया आसान हुई है। कैंसर, रूमेटाइड आर्थराइटिस और एड्स जैसी बीमारियों में मौजूदा दवाओं को नये तरीके से इस्तेमाल करने पर शोध जारी है।

इस शोध में आईआईएसईआर, पुणे के विशेषज्ञ भी शामिल थे। टीम ने कोशिकाओं और चूहों पर प्रयोग किए। इनमेेंं पाया कि स्टैटिन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मददगार है। यह शोध प्रतिष्ठित पत्रिका ‘ऑन्कोटारगेट’ में प्रकाशित हुआ है। जीन की गतिविधि में बदलाव के कारण कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक गई।