बीजिंग। सिप्ला फार्मा समेत कई भारतीय कंपनियां चीन में जेनेरिक दवाएं भेजेंगी। चीन में भारतीय दवा कंपनियों ने थोक जेनेरिक दवाओं की सप्लाई के लिए बोलियां जीती हैं। इनमें विशेष रूप से मधुमेह के इलाज वाली डेपाग्लिफ्लोजिन दवा शामिल है।
यह है मामला
भारतीय कंपनियों, हेटेरो लैब्स लि., सिप्ला लि., अन्नोरा फार्मा प्राइवेट लि. और नैटको फार्मा ने चीन के लिए दवाओं की खरीद हेतु बोलियां जीती हैं।
हेटेरो और सिप्ला उन सात कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने मधुमेह की डेपाग्लिफ्लोजिन की एक अरब गोलियों की आपूर्ति के लिए बोली जीती हैं। दोनों भारतीय कंपनियों को दवा की आपूर्ति के लिए एक निश्चित संख्या में चीनी प्रांत आवंटित किए जाएंगे। अन्नोरा फार्मा ने ऑक्सकार्बाजेपाइन गोलियों की आपूर्ति के लिए बोली जीती। वहीं, नैटको फार्मा ने ओलापारिब गोलियों की आपूर्ति के लिए बोली हासिल की।
डॉ. रेड्डीज की चीनी अनुषंगी कुशान रोटम रेड्डी ने चार उत्पादों की आपूर्ति के लिए बोलियां जीती हैं। बोली में संक्रमण-रोधी, ट्यूमर-रोधी उपचार, एलर्जी उपचार और अन्य क्षेत्रों की 55 दवाइयां शामिल थीं। इनमें 272 कंपनियों के कुल 453 उत्पादों को विजेता बोलियों के रूप में पूर्व-चयनित किया गया था। इसमें से, भारतीय कंपनियां सात दवाओं की आपूर्ति के अनुबंध हासिल करने में सफल रहीं।










