जयपुर (राजस्थान)। निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर नकेल कसी गई है। सूबे के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों को फीस संरचना के नियमों की कड़ाई से पालना करनी होगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों में मनमानी फीस वसूली की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय की अनुपालना में यह आदेश जारी किया है। ये आदेश इस्लामिक एकेडमी ऑफ एजुकेशन बनाम कर्नाटक राज्य मामले में दिए गए।

इसमें निजी शैक्षणिक संस्थानों में शुल्क निर्धारण और प्रवेश प्रक्रिया को विनियमित करने पर जोर दिया गया है। इसके अनुसार, निर्धारित शुल्क संरचना का पालन सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए अनिवार्य है। कोई अन्य शुल्क किसी भी संस्था द्वारा वसूला जाता है, तो प्रभावित छात्रों को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ शुल्क रिफंड किया जाएगा।

नियमों का पालन न करने पर संस्था की संबद्धता आरयूएचएस एवं एमएमयू से समाप्त की जा सकती है। अतिरिक्त शुल्क कॉलेज की संपत्तियों से वसूल किया जाएगा। वहीं, प्रभावित छात्रों को अन्य कॉलेजों में स्थानांतरित किया जाएगा। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

इसकी जानकारी एनएमसी एवं डीसीआई को भी दी जाएगी। यह आदेश मुख्य रूप से निजी चिकित्सा कॉलेजों की ओर से अवैध अतिरिक्त शुल्क वसूली की शिकायतों के आधार पर जारी किया गया है।