नई दिल्ली। दवा निर्यात मंजूरी को अब आसान बना दिया गया है। पहले देश से दवाओं का निर्यात करने वाली कंपनियों को हर बार ग्राहक और मात्रा संबंधित एनओसी लेनी पड़ती थी।

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए एनओसी की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब नई प्रणाली के तहत डीसीजीआई पिछले एक साल के दौरान उस विशेष दवा के निर्यात के कंपनी के इतिहास को देखेगी और इस आधार पर व्यापक एनओसी प्रदान करेगी।

यह एनओसी ग्राहक या आयातक से बंधी हुई नहीं होगी, बल्कि यह उत्पाद और देश से संबंधित होगी। इससे सालाना जारी होने वाली एनओसी की संख्या करीब 15 हजार से घटकर करीब 5 हजार हो जाएगी। इससे निर्यातकों पर प्रक्रियात्मक बोझ काफी कम हो जाएगा।

गौरतलब है कि जेनेरिक दवाओं की सप्लाई में भारत का फार्मास्युटिकल क्षेत्र विश्वभर में विकास की ओर बढ़ रहा है। देश के फार्मास्युटिकल निर्यात में नौ प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी देखी गई है।