नई दिल्ली। औषधि विभाग ने 11 फार्मा उत्पादों के लिए पीएलआई योजना चलाई है। केंद्र का औषधि विभाग नई विनिर्माण क्षमता स्थापित को प्रोत्साहित करने हेतु दवा निर्माताओं से आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
योजना के तहत 11 फार्मा उत्पादों में नियोमाइसिन, जेंटामाइसिन, एरिथ्रोमाइसिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन और डिक्लोफेनाक सोडियम के नाम शामिल हैं। विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि ये या तो सदस्यता समाप्त या आंशिक रूप से सदस्यता प्राप्त पात्र उत्पाद हैं। निर्माताओं के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 14 जून निर्धारित की गई है।
कहा गया है कि जिन कंपनियों को पहले मंजूरी दी गई थी, लेकिन बाद में मंजूरी रद्द कर दी गई थी, वे आवेदन करने के लिए पात्र नहीं हैं। भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद ने अपने सदस्यों से इस निर्णय का लाभ उठाने का आग्रह किया है। फार्मेक्सिल के महानिदेशक राजा भानु ने कहा कि यह योजना महत्वपूर्ण दवा घटकों में उनकी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है।
बता दें कि चार साल पहले सरकार ने 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएँ शुरू की थीं, जिनमें थोक दवाएँ, चिकित्सा उपकरण और फार्मा शामिल थे। इनका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके उत्पादन को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और निर्यात को बढ़ावा देना था।