कोरबा। अवैध दवा दुकान चलाने के दोषी डॉक्टर को तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही उसे एक लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। उसे बिना लाइसेंस दवा दुकान का संचालन और मरीज के इलाज का दोषी पाया गया था। यह सजा गेवराबस्ती निवासी डॉक्टर पीएल यादव को कोर्ट ने सुनाई है।

यह है मामला

लोक अभियोजक राजेन्द्र साहू ने बताया कि 12 दिसंबर, 2019 को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने गेवराबस्ती खाल्हेपारा में एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की थी। औषधि निरीक्षक की कार्रवाई के दौरान दवा दुकान के संचालन संबधित लाइसेंस मौके पर नहीं मिले थे। जांच में पता चला कि दवा दुकान संचालन के लिए जरुरी लाइसेंस डॉ. पीएल यादव के पास नहीं है।

मेडिकल स्टोर में 93 प्रकार की अंग्रेजी दवाइयां मिली थी। इन दवाइयों को दवा दुकानदार डॉ. पीएल यादव अपने मरीजों को देता था। टीम ने दवा को जब्त कर लिया था। गैर कानूनी तरीके से मरीजों के इलाज की जानकारी मिली थी। औषधि प्रशासन विभाग ने दुकान संचालक डॉ. पीएल यादव को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया।

तब इस मामले को कोरबा की एक कोर्ट में दाखिल किया गया था। विशेष न्यायाधीश एस शर्मा ने डॉ. पीएल यादव को बिना अनुमति मेडिकल दुकान संचालित करने और मरीजों को दवा देने का दोषी माना। कोर्ट ने पीएल यादव को तीन साल कारावास की सजा से दंडित किया है।

गैस के रैजोल कैप्सूल का संैपल फेल

बता दें कि औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने डा. पीएल यादव के घर से रैजोल कैप्सूल जब्त किया था। प्रयोगशाला में जांच के दौरान रैजोल मापदंड पर खरा नहीं उतरा। रैजोल का इस्तेमाल पेट गैस को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।