तिरुवनंतपुरम (केरल)। औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने 2 लाख के नकली रोटाकैप जब्त किए हैं। टीम ने तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर और कोझिकोड में एक साथ छापेमारी की। जिलों में 2 लाख मूल्य की नकली या जाली दवाएँ ज़ब्त की गई हैं।

राज्य औषधि नियंत्रक प्रभारी के. सुजीत कुमार ने कहा कि हम इस प्रवृत्ति पर कड़ी नजऱ रख रहे हैं। हमने एक सुराग का पीछा किया और यह सच निकला। ज़ब्त की गई नकली दवा अस्थमा के मरीज़ों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक इनहेलर था। सेरोफ्लो रोटाकैप्स 250 एक तेज़ गति से बिकने वाली दवा है। यह सिप्ला लिमिटेड द्वारा निर्मित है। यह दवा नकली साबित हुई। सके खरीद विवरण से मूल स्रोत या निर्माता (सिप्ला) का पता नहीं चल सका।

नकली दवाएँ एक ही व्यक्ति से ज़ब्त की गईं। उसने दावा किया कि उसने इसे राज्य के बाहर दो वितरकों से खरीदा था। यह उत्पाद बाज़ार में नहीं पहुँचा था। हम बिल के विवरण का पहले बिंदु से आगे पता नहीं लगा सके। वितरकों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने दवा कहाँ से प्राप्त की थी। हम राज्य से बाहर भी अपनी जाँच जारी रखेेंगे। ऑपरेशन डबल चेक राज्य औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा शुरू की गई पहल है। इसका उद्देश्य दवाइयों की आपूर्ति श्रृंखला का निरीक्षण करके दवा की गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार करना है।