नई दिल्ली। ब्यूटी क्रीम और स्टेरॉयड के ज्यादा इस्तेमाल से आंखों की रोशनी जा सकती है। यह दावा एम्स नई दिल्ली के डाक्टरों ने किया है। उन्होंने बताया कि स्टेरॉयड के दुष्प्रभाव से हड्डियों की बीमारी व त्वचा रोग तो होता है। अब इसके दुष्प्रभाव से आंखों की बीमारी ग्लूकोमा (काला मोतिया) का खतरा भी सामने आया है। बाडी बिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल व स्टेरॉयड युक्त सौंदर्य क्रीम से आंखों की रोशनी जा सकती है।

आरपी सेंटर के डॉक्टरों ने बताया कि ग्लूकोमा के प्रति अभी जागरूकता की कमी है। देश में करीब सवा करोड़ लोग इससे पीडि़त हैं और यह अंधेपन का एक बड़ा कारण है। प्रोफेसर डॉ. तनुज दादा ने बताया कि ग्लूकोमा होने पर आंखों के आप्टिक नर्व में खराबी आ जाती है। इससे धीरे-धीरे आंखों की रोशनी जा सकती है। इस बीमारी के लक्षण भी नहीं होते।
इस कारण 90 फीसदी मरीजों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाता।

ज्यादातर मरीज तब इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, जब एक आंख की रोशनी काफी हद तक कम हो चुकी होती है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज, ब्लडप्रेशर हाई या कम होने से ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। परिवार में किसी को यह बीमारी हो तो परिवार के अन्य सदस्यों में भी यह बीमारी होने का जोखिम 10 गुना बढ़ जाता है।चेहरे पर आंख के आसपास के हिस्से पर क्रीम लगाने से धीरे-धीरे आंख की रोशनी खराब होती है।