गाजियाबाद। बुखार, दर्द व गठिया बाय की नकली दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने मोदीनगर की मानवतापुरी कॉलोनी में दो गोदामों में छापेमारी की। मौके से बुखार, बदन दर्द, सांस रोग और गठिया बाय की नकली दवाएं जब्त की गई। इन दवाओं को देशभर में सप्लाई किया जा रहा था। दोनों गोदामों से 12 लाख कीमत की आठ लाख टैबलेट बरामद की गईं हैं।
गोदामों से नकली दवा बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन, पैकिंग का सामान और पैकिंग मशीनें भी जब्त की गई हैं। आरोपी मुकेश भाटिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। पता चला कि घरों में बनाए गए दोनों गोदाम उसके भाई मंटू भाटिया के नाम पर हैं।
यह कार्रवाई औषधि नियंत्रक विभाग की गाजियाबाद, बागपत, मेरठ और लखनऊ की संयुक्त टीमों ने की। मौके से दवाओं के आठ सैंपल लिए गए हैं। नकली दवाओं को ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर बेचा जा रहा था। दवा बनाकर गोदाम में ही पैकिंग कराई जाती थी। जब्त की गई दवाओं में फेनिलबुटाजोन टैबलेट है जो बुखार,शरीर में सूजन और दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल होती है।
दूसरी डेक्सामेटासोन है जो आमतौर पर सूजन दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि मुकेश भाटिया छोटी मार्केट, गोविंदपुरी का निवासी है। उसके पास न दवा बनाने का लाइसेंस है और न ही पैकिंग का। मंटू भाटिया के गोदाम से मिली दवाओं में सबसे ज्यादा मात्रा गठिया बाय की टैबलेट की है।
मुकेश भाटिया ने पूछताछ में बताया है कि वह डेक्सामेटासोन स्टेरॉयड को पैक करके बाय की दवा के नाम से बेच रहा था। उसे इसकी भी जानकारी है कि स्टेरॉयड से तत्काल राहत तो मिल जाती है लेकिन इसका गैर जरूरी इस्तेमाल लिवर और गुर्दे पर बुरा प्रभाव डालता है। उसने बताया कि यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में गांवों में मेडिकल स्टोर पर बाय की दवा के नाम से यह दवा बेची जाती है।