हापुड़ (उत्तर प्रदेश)। नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि विभाग ने पिलखुवा क्षेत्र की एक फैक्ट्री पर छापा मारा और मौके से करीब 25 लाख की नकली दवाएं बरामद की। विभाग के महानियंत्रक के नेतृत्व में हुई छापेमारी के दौरान टीम ने मौके से फैक्ट्री संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ की जा रही है।

यह है मामला

औषधि महानियंत्रक डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और प्रदेश हेड डॉ. हेमंत चौधरी और औषधि निरीक्षक हिरेंद्र चौधरी के नेतृत्व में बीती देर रात टीम ने टेक्सटाइल सेंटर स्थित रुस्तम इंडस्ट्रीज पर छापा मारा। फैक्ट्री संचालक अजय शर्मा को हिरासत में लेकर कार्रवाई शुरू की। अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान फैक्ट्री से दवाओं की बड़ी खेप बरामद हुई। वहां से दवा बनाने और पैक करने वाली 4 मशीनों को सील किया गया।

ये दवाएं बरामद

जांच में पता चला कि संचालक अजय शर्मा (आलमपुर) के पास दवा बनाने का लाइसेंस नहीं था। कार्रवाई की दौरान मौके से जीएसके कंपनी की औगमेटीन 625 एमजी और जाइडिस केडिला कंपनी मार्का की डेक्लीपैरा पैरासिटामोल की दवाएं बरामद हुई हैं। इनमें एंटीबॉयोटिक, बुखार, बदन दर्द आदि की दवाएं शामिल हैं, जिन्हें कब्जे में लेकर सील किया गया है।
जांच में पता लगा है कि यह नकली दवा फैक्ट्री को अजय शर्मा आठ माह से चला रहा था। उसके पास न तो कोई लाइसेंस था और न ही कोई डिग्री। फैक्ट्री में दवाएं तैयार कर उन्हें नामी कंपनियों के रेपर व बोतल में पैक कर मार्केट में सस्ते दामों पर बेचा जा रहा था। अजय शर्मा इस माल को एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा सप्लाई कर रहा था। उसके संपर्क में कई झोलाछाप डॉक्टर भी थे, जो इन दवाओं को बेचने में मददगार बने हुए थे। विभाग इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास कर रहा हैं।