पुणे (महाराष्ट्र)। नकली दवा रैकेट का भंडाफोड़ कर 12.47 लाख रुपये कीमत की दवाएं जब्त करने का मामला प्रकाश में आया है।
यह कार्रवाई पुणे, ठाणे और नंदुरबार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के एक संयुक्त अभियान में की गई। छापेमारी के दौरान पुणे और नंदुरबार से 12.47 लाख रुपये की दवाओं का स्टॉक जब्त किया गया। आयुर्वेदिक उत्पादों की नकल करने के लिए डमी चूर्ण, च्यवनप्राश और अन्य दवाओं का निर्माण शामिल किया गया था।
एफडीए अधिकारियों के अनुसार इन नकली दवाओं और स्वास्थ्य सप्लीमेंट्स को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के विरोधाभासी भी करार दिया गया था, जो जादुई गुणों का दावा करते हैं।

यह है मामला

एफडीए अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कोंढवा में मेसर्स टाईखे हेल्थकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर रेड की। यह कंपनी पिछले 18 महीनों से चल रही है। अधिकारियों ने कंपनी परिसर से 6 लाख रुपये कीमत की विभिन्न आयुर्वेदिक और यूनानी दवाएं जब्त कीं। इसके अलावा 10 अलग-अलग दवाओं और सप्लीमेंट के सैंपल लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए।

एफडीए (ड्रग) पुणे क्षेत्र के संयुक्त आयुक्त, जीडी हुकरे ने कहा, कोंढवा इकाई के स्टॉक में कुछ उत्पाद पाए गए, जिन पर मेसर्स सूफी सेंटर, भिवंडी, ठाणे में निर्मित होने का लेबल था। ठाणे कार्यालय से संपर्क पर पता चला कि इन दवाओं के निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी। दवाएं मेसर्स सूफी सेंटर द्वारा निर्मित नहीं की गईं और नकली थीं।