देहरादून। एंबुलेंस से 13 करोड़ की नकली दवा सप्लाई का भंडाफोड़ हुआ है। ये खुलासा उत्तराखंड एसटीएफ ने किया है। नकली दवा बाजार में बेचने वाले गिरोह के खिलाफ जांच में इसका पता चला। हरियाणा के पानीपत की फर्म साईं फार्मा के बैंक खाते में 13 करोड़ से अधिक लेनदेन किया गया।
छह राज्यों में नकली दवा सप्लाई की गई। इस कारोबार में न कोई टैक्स दिया गया और न जीएसटी रिटर्न फाइल की गई। फर्म संचालक दंपति और दवा सप्लाई लेने वाली चार फर्मों के संचालक आरोपी बनाए हैं। छह आरोपियों के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में केस दर्ज कराया है।
यह है मामला
सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया से ब्रांडेड कंपनी के नकली दवा रैपर के साथ आरोपी संतोष को गिरफ्तार किया था। रैकेट के संचालक नवीन बंसल समेत 12 आरोपी गिरफ्तार किए गए। इनमें पांच दवा फैक्ट्री संचालक हैं। पांच सितंबर को प्रदीप और उसकी पत्नी श्रुति को गिरफ्तार किया था। इससे पहले रैकेट का संचालन प्रदीप और उसकी पत्नी श्रुति निवासी पानीपत कर रहे थे।
पत्नी के नाम पर बनाई फर्जी कंपनी
प्रदीप कुमार ने अपनी पत्नी के नाम से साईं फार्मा नाम की एक फर्म खोली थी। प्रदीप और नवीन बंसल मिलकर ब्रांडेड दवाओं के नकली आउटर बॉक्स दून के सेलाकुई में संतोष कुमार से बनवाते थे। दवाओं को पैक कराने के लिए ब्रांडेड मेडिसिन कंपनी के नाम वाले एल्यूमिनियम फॉयल बद्दी में विजय कुमार पांडे की फर्म एवी फॉयल से बनवाए जाते थे। इन फॉयलों में पैक करने के लिए दवाएं देहरादून के सेलाकुई और हरिद्वार जिले में स्थित फैक्ट्रियों में बनवाई जाती थीं। भिवाड़ी (राजस्थान) से दवाएं मंगवाकर वहां बिल्स्टर मशीन की मदद से पैक की जाती थीं।
नकली दवाओं की सप्लाई एंबुलेंस के माध्यम से की जाती थी। पंकज शर्मा की नोबल फार्मेसी पंचकूला की एंबुलेंस की मदद से दवाओं की सप्लाई की जाती थी। इस नेटवर्क के जरिए नकली दवाओं की सप्लाई उत्तराखंड, यूपी , राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत छह राज्यों में की गई। एसटीएफ ने फर्म के पते पर जाकर सत्यापन किया, लेकिन वहां कोई ऐसी फर्म संचालित नहीं मिली।










