जयपुर (राजस्थान)। बीपी और शुगर समेत पांच दवाएं जांच में घटिया निकली है। इसके चलते राज्य ड्रग कंट्रोल विभाग ने इस पर रोक लगा दी है। हाल ही में कफ सिरप का मामला सामने आया था। जिसके बाद कई दवाओं की गुणवत्ता जांच शुरू हुई थी। वहीं एक बार फिर ड्रग कंट्रोल विभाग ने दवा कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने जांच में घटिया मिली पांच दवाइयों की बिक्री रोक दी है। एक कंपनी के सर्जिकल ग्लव्स की बिक्री पर भी रोक लगाई है। ये दवाएं एलर्जी, शुगर, बीपी और बैक्टीरियल इंफेक्शन के उपचार में उपयोग की जाती हैं।
ड्रग कंट्रोलर अजय पाठक ने बताया कि गुणवत्ता से कम मिली दवाइयों पर रोक लगाई है। इनमें से कुछ दवाइयां पहले से ही हमने सीज कर रखी है। वहीं, अन्य दवाइयों को जल्द बाजार से रिकॉल करने के आदेश दिए हैं।
इन दवाओं में सोलन स्थित मैसर्स वाई. एल. फार्मा की दो दवाइयां- विनसेट-एल और ऑफविन-200 जांच में सब-स्टैंडर्ड मिली हैं। यह कंपनी पहले भी निम्न गुणवत्ता वाली दवाइयां बनाने के आरोप में कार्रवाई झेल चुकी है। पहले से ही इस कंपनी की दवाएं विभाग के पास सीज है।
लाइफकेयर न्यूरो प्रोडक्ट लि. (धर्मपुर, हिमाचल प्रदेश) की डल्कोवॉग-0.3 एमजी शुगर के मरीजों को दी जाती है। मैसर्स मस्कॉन लाइफ साइंस हरिद्वारकी हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेलपिन-ए , मैसर्स एग्रोन रेमेडीज काशीपुर की सेफिक्साइम ओरल सस्पेंशन दवा शामिल है। वहीं, राजस्थान के धौलपुर में मैसर्स स्2द्गड्डह्म् हेल्थकेयर प्रा. लि. स्2द्गड्डह्म् सर्जिकल ग्लव्स भी घटिया निकली।










