जयपुर (राजस्थान)। डॉक्टर की गिरफ्तारी के मामले में राज्य सरकार ने नई गाइड लाइन जारी की है। सरकार ने इससे संबंधित एसओपी तैयार की है। इसके तहत डॉक्टर की गिरफ्तारी से पहले एसपी की इजाजत लेनी जरूरी होगी।
अस्पतालों में उपचार के दौरान रोगियों की मौत के बाद चिकित्सा कर्मियों की गिरफ्तारी को लेकर ये नई गाइड लाइन बनाई गई है।

अब अब चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बावजूद संबंधित थाने को चिकित्सकों की गिरफ्तारी के लिए एसपी स्तर के अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी। गृह विभाग की एसओपी के मुताबिक कई बार रोगी के परिजन रोगी के इलाज के दौरान अधूरी सूचनाओं के आधार पर चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करवा देते हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों को मानसिक प्रताडऩा होती है, जिससे उनकी कार्य क्षमता और प्रतिष्ठा पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि यदि किसी चिकित्सक को गिरफ्तार किया जाना जरूरी है तो संबंधित थाने को पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपायुक्त से मंजूरी लेनी जरूरी होगी। यदि किसी अस्पताल में चिकित्सकों के खिलाफ कोई हिंसा हुई है तो अस्पताल के नोडल अधिकारी की ओर से सूचना देने के 6 घंटे के भीतर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

अप्रिय घटना होने पर या अपनी किसी मांग को मनवाने के लिए चिकित्साकर्मी कार्य का बहिष्कार नहीं करेंगे और कानून के मुताबिक अपनी बात और मांग सरकार के समक्ष रखेंगे।