GSK:  गैस और अल्सर से राहत दिलाने वाली ब्रिटेन की मशहूर दवा कंपनी ग्लैक्सो (GSK) मुसीबत में फंस गई है। इस दवा कंपनी पर आरोप है कि जेनटेक दवा के सेवन से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। ब्लूमबर्ग बिजनेसवीक की एक रिपोर्ट इस बात का खुलासा किया गया है कि ग्लैक्सो दवा कंपनी कैंसर के जोखिमों के बारे में बहुत पहले से जानती थी और उसने 40 सालों से दुनिया से ये सच छुपाए रखा।

 

दुनिया की मशहूर दवा कंपनी है GSK

ब्लूमबर्ग बिजनेसवीक की एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि साल 1978 में  ग्लैक्सो ने रैनिटिडीन नामक अणु विकसित किया। इस अणु के इस्तेमाल करने से  कंपनी ने उस समय की प्रभावशाली दवा टैगामेंट की नकल कर जेनटेक बनाई थी। देखते ही देखते इस दवा ने टैगामेंट को पीछे छोड़ दिया और इससे कंपनी को बंपर कमाई होने लगी। इस दवा की इतनी बिक्री हो रही थी कि कंपनी की आधी से ज्यादा आय इस दवा से ही आ रही थी।

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कंपनी को महारानी एलिजाबेथ ने दिया था पुरस्कार 

इस दवा की बंपर कमाई की वजह से कंपनी के सीईओ को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने नाइटहुड का पुरस्कार दिया था। अपनी कमाई के चक्कर में ग्लैक्सो ने पूरी दुनिया को अंधेरे में रखा कि जेनटेक से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के संभावित खतरा है। ग्लैक्सो ने कहा था कि उसकी गैस की दवा से ट्यूमर नहीं होता, लेकिन उसके अपने वैज्ञानिकों और स्वतंत्र शोधकर्ताओं ने संभावित खतरे को लेकर चेतावनी दी थी।

जेनेटक में कार्सिनोजेन की अधिक मात्रा

साल 2019 में जांच में खुलासा हुआ था कि जेनटेक में कार्सिनोजेन की बहुत अधिक मात्रा पायी गायी थी। कार्सिनोजेन एक ऐसा पदार्थ है जो कैंसर का कारण बनता है। दवा के कुछ बैचों में संयोग या गलती से कार्सिनोजेन की अधिक मात्रा नहीं पाई गई थी, बल्कि जिस रेनिटिडिन अणु से यह दवा तैयार की जाती थी वही कैंसर पैदा करने वाला जहर बनाता है।

बाजार से वापस मंगाई दवा

सच्चाई का खुलासा होने के बाद  कंपनी और स्वास्थ्य नियामकों को 2020 में दवा को बाजार से वापस मंगा लिया था। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी इसकी बिक्री पर रोक लगा दी। इसके उत्पादन और उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई। अब खुलासा हुआ है कि कंपनी ने जानबूझकर सच छिपा रखा था उसे पता था कि इस दवा के सेवन से कैंसर जैसी बीमारी होती है। 70 हजार से ज्यादा लोगों ने कंपनी पर मुकदमा किया है। लोगों ने कंपनी पर मिलावटी और खतरनाक दवा बेचने का आरोप लगाया है, जिसकी सुनवाई इसी महीने के अंत से शुरू होने वाली है।