पलवल (हरियाणा)। जन्म प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा करने पर एक निजी अस्पताल को सील किया गया है, वहीं दूसरे अस्पताल पर एफआईआर दर्ज हुई है।
यह है मामला
उटावड़ स्थित निजी अस्पताल पर गलत जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि अस्पताल संचालक ने रजिस्ट्रेशन आईडी का दुरुपयोग कर गलत जन्म प्रमाण जारी कराए। उटावड़ थाना पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 26 मई को सूचना के आधार पर भीमसीका गांव में सलमा नर्सिंग होम पर छापेमारी की थी। इस दौरान नर्सिंग होम की संचालिका से लगभग 154 जन्म प्रमाण पत्र मिले थे। इनमें से कुछ में जन्मतिथि और स्थान गलत थे। इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर सभी जन्म प्रमाण पत्र पुलिस को सौंप दिए गए थे। इन जन्म प्रमाण पत्रों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया। इसी जांच के आधार पर 13 जून को टीम ने उटावड़ स्थित रिहान अस्पताल की जांच की।
मौके पर मिले डॉक्टर रिहान ने बताया कि सलमा अस्पताल उन्हीं की ओर से चलाया जाता है और डॉक्टर अली उनके अस्पताल में काम करते हैं। रिहान मौके पर जमा भीड़ का फायदा उठाकर भाग गए। इसके बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट असलम खान की उपस्थिति में रिहान अस्पताल को सील कर दिया गया। जांच में पता चला कि रिहान अस्पताल को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पोर्टल पर दर्ज कराने के लिए डॉक्टर मोहम्मद अली ने अपने दस्तावेज जमा किए थे। जांच में सामने आया कि अधिकतर मामले सलमा अस्पताल के थे, जहां बच्चों का जन्म हुआ था। उनका रिकार्ड रिहान अस्पताल में दर्ज था।
कई मामलों में जन्मतिथि और जन्म स्थान गलत पाए गए, कुछ में तो एक महीने से भी ज्यादा का अंतर था। आशा वर्कर और एएनएम के रिकार्ड तथा अभिभावकों के लिखित बयानों से भी पता चला कि रिहान अस्पताल ने नियमों का उल्लंघन कर गलत जन्म प्रमाण पत्र जारी किए हैं। कुछ जन्म घटनाओं को रिहान अस्पताल द्वारा दो बार अलग-अलग जन्मतिथि के साथ दर्ज किया गया था।