अहमदाबाद (गुजरात)। अस्पताल में 500 मरीजों पर 57 अवैध क्लिनिकल ट्रायल करने का का भंडाफोड़ हुआ है। इसमें नेताओं, फार्मा कंपनियों और सरकारी अस्पताल की मिलीभगत पाई गई है। वडीलाल साराभाई (वीएस) अस्पताल में 500 से अधिक मरीजों पर अवैध मेडिकल ट्रायल किए गए। इस घोटाले की जड़ में अहमदाबाद स्थित कंपनी एस4 रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड का नाम प्रकाश में आया है।

एस4 रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड एक मरीज भर्ती करने वाली कंपनी है। कंपनी ने 29 नवंबर 2024 से प्रभावी एक समझौता वीएस अस्पताल के साथ किया। सूत्रों का दावा है कि यह समझौता पूरी तरह फर्जी था। कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई और अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज बनाए गए।

कंपनी की एक वेबसाइट पर 11 कर्मचारियों का उल्लेख है, जबकि दूसरी वेबसाइट पर 47 कर्मचारियों की सूची है। इस विरोधाभास पर कंपनी ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। क्लिनिकल ट्रायल के लिए भारत में अनिवार्य केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और औषधि नियंत्रक जनरल ऑफ इंडिया को भी इस पूरे मामले की जानकारी नहीं दी गइ। यह साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है।

करीब 500 गरीब मरीजों पर जोड़ों का दर्द, मधुमेह और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के लिए बिना स्वीकृति वाले ट्रायल किए गए। मरीजों से कहा गया कि सरकारी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं और उन्हें नई और उच्च गुणवत्ता वाली निजी दवाएं दी जाएंगी। ज़्यादातर मरीजों को यह तक नहीं बताया गया कि उन पर मेडिकल रिसर्च की जा रही है। इस घोटाले का पर्दाफाश एक युवा नगरसेविका राजश्री केसरी ने किया।

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा घोटाला है। शिकायतों और व्हिसलब्लोइंग के बाद बनी जांच समिति ने पाया कि अस्पताल में एक अवैध ‘एथिक्स कमेटी’ बनाई गई थी, जिसने निजी फार्मा कंपनियों के लिए मरीजों पर ट्रायल किए और लाखों रुपये वसूले।