मुंबई। अल्प्राजोलम टेबलेट बनाने वाली अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। यह सफलता राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की मुंबई इकाई को मिली। डीआआई ने गुजरात के वलसाड में अल्प्राजोलम की एक गुप्त निर्माण इकाई पर दबिश दी। मौके से 22 करोड़ मूल्य का अवैध स्टॉक ज़ब्त किया है। अल्प्राजोलम, एक मनोविकार नाशक दवा है। यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत विनियमित है। यह आमतौर पर चिंता और आतंक विकारों के इलाज के लिए निर्धारित की जाती है।
यह अवैध फैक्ट्री एक अंतर-राज्यीय नेटवर्क द्वारा संचालित थी। वहाँ उत्पादित दवा को कथित तौर पर ताड़ी में मिलाकर तेलंगाना में कुछ संदिग्धों को आपूर्ति की जानी थी। इस ऑपरेशन का कोडनेम व्हाइट कौल्ड्रॉन था। डीआरआई की टीमों ने मंगलवार को परिसर पर छापा मारने से पहले गहन निगरानी रखी। तलाशी में 9.55 किलोग्राम तैयार अल्प्राजोलम और 104.15 किलोग्राम अर्ध-प्रसंस्कृत अल्प्राजोलम ज़ब्त किया गया। अधिकारियों ने 431 किलोग्राम प्रीकर्सर रसायन भी बरामद किए। इनमें पी-नाइट्रोक्लोरोबेंजीन, फॉस्फोरस पेंटासल्फाइड, एथिल एसीटेट और हाइड्रोक्लोरिक एसिड शामिल हैं। यह इकाई रिएक्टर, सेंट्रीफ्यूज, रेफ्रिजरेशन और हीटिंग सिस्टम जैसी पूर्ण औद्योगिक मशीनरी से सुसज्जित थी।
मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो कथित फाइनेंसर शामिल हैं। माना जाता है कि उन्होंने इस ऑपरेशन की साजिश रची थी। एक फैक्ट्री कर्मचारी और तेलंगाना से एक प्राप्तकर्ता जो खेप लेने आया था। एजेंसी ने कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। अगस्त 2025 में, डीआरआई ने आंध्र प्रदेश में एक ऐसी ही अवैध अल्प्राजोलम फैक्ट्री को ध्वस्त किया था। वहाँ से 119.4 किलोग्राम दवा जब्त की गई थी। इसका उद्देश्य ताड़ी में मिलावट के लिए तेलंगाना को आपूर्ति करना था।










