लखनऊ (उप्र)। नशीली दवा बेचनेे के आरोप में पांच मेडिकल फर्मों के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। दो अन्य फर्मों के लाइसेंस आंशिक रूप से निरस्त किए हैं। इन पर नारकोटिक दवाओं की खरीद-फरोख्त और भंडारण करने पर प्रतिबंध लगा है। कानपुर और लखनऊ में नकली दवाओं के कारोबार का खुलासा हुआ था। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अमीनाबाद में की।
यह है मामला
कुछ समय पहले कानपुर और लखनऊ में नकली दवाओं का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया था। नारकोटिक्स दवाओं का अवैध कारोबार भी सामने आया था। इस मामले में दिल्ली एनसीबी की टीम ने अमीनाबाद की मेडिसिन मार्केट से एक व्यक्ति को पकड़ा था। इस गिरफ्तारी के बाद ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की टीम ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
सहायक आयुक्त (औषधि) लखनऊ मंडल ब्रजेश यादव ने बताया कि जांच में दवाओं के अवैध कारोबार की पुष्टि हुई। अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट की पांच मेडिकल फर्मों के लाइसेंस रद्द किए हैं। इन फर्मों के नाम मेसर्स अमित मेडिकल एजेंसी, मेसर्स व्यंश फार्मा, मेसर्स शिव शक्ति फार्मा, मेसर्स महाराजा इंटरप्राइजेज और मेसर्स ए ए फार्मा हैं। इन सभी फर्मों के लाइसेंस पूरी तरह से निरस्त कर दिए गए हैं।
इसके अलावा, दो और फर्मों पर भी कार्रवाई हुई है। मेसर्स जेडेक्स इन्फ्यूजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स महावीर मेडिकल्स के लाइसेंस आंशिक रूप से निरस्त किए गए हैं। इन दोनों फर्मों पर नारकोटिक औषधियों की खरीद-फरोख्त और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका मतलब है कि ये फर्में अब नारकोटिक दवाएं न तो खरीद पाएंगी, न बेच पाएंगी। यह कदम अवैध दवा कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उठाया है। इससे समाज में नशे के बढ़ते चलन को रोकने में मदद मिलेगी।