जबलपुर (मध्यप्रदेश)। अवैध रूप से संचालित प्राइवेट अस्पताल को सील किया गया है। छापेमारी के दौरान पता चला कि आयुर्वेद में प्रशिक्षित एक चिकित्सक वहां एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज कर रहा था।

दमोह के एक अस्पताल में कथित तौर पर लापरवाही से सर्जरी करने वाले ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम की गिरफ्तारी के बाद ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में छापेमारी कर निजी अस्पताल को सील किया गया है।

यह है मामला

सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (रांझी) आरएस मरावी ने बताया कि जबलपुर के बिलहरी इलाके में स्थित डॉ. दिव्यांश सुलखिया द्वारा संचालित ‘सुलखिया अस्पताल’ को अनिवार्य अनुमति नहीं होने के कारण सील कर दिया गया है। निरीक्षण के दौरान पता चला कि डॉ. सुलखिया के पास ‘बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी’ (बीएएमएस) डिग्री है और वह एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज कर रहे थे।

एसडीएम ने कहा कि 100 बिस्तरों के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान, तीन मरीजों का इलाज नर्सिंग स्टाफ के साथ किया जा रहा था। जब डॉक्टर से अस्पताल चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो वह इसमें विफल रहे। संबंधित संस्थानों में डॉक्टर की योग्यता से संबंधित दस्तावेजों का आगे सत्यापन करने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। बताया गया कि जिला प्रशासन ने अस्पतालों और क्लीनिकों का निरीक्षण करने के लिए टीम का गठन किया है।