IMA: मौसम बदल रहा है जिसकी वजह से लोग बुखार और सर्दी-जुकाम से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे वक्त में लोग बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाओं का सेवन कर लेता है। इंडियन मेडकिल एसोसिएशन (IMA) ने एडवाइजरी करते हुए कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से बचें।
IMA ने बताया अधिकतर मामले इन्फ्लुएंजा वायरस के
इंडियन मेडकिल एसोसिएशन ने कहा कि ये संक्रमण ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 दिनों तक रहता है। बुखार तीन दिनों में खत्म हो जाता है। लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बनी रह सकती है। एनडीसी की जानकारी के मुताबिक इनमें से अधिकांश मामले में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के हैं। आईएमए ने डॉक्टरों को सलाह दी कि वे मरीजों को एंटीबायोटिक्स देने से परहेज करें। आईएमए ने डॉक्टरों से कहा कि मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के नुस्खे से बचने के लिए कहा है। आईएमए ने एक जारी नोटिस में कहा है कि मौसमी बुखार एक सप्ताह से अधिक नहीं रहेगा और एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से बचने की जरूरत है।
वायरल फीवर से परेशान हैं लोग
एक सर्वे के मुताबिक 30 दिनों में 10 में से चार परिवारों में एक या एक से अधिक व्यक्ति लगातार खांसी, जमाव, थकान, शरीर में दर्द और बुखार से पीड़ित है। लोकल सर्कल (Local Circles) को शहर के 1,000 से अधिक घरों से वायरल की जानकारी मिली। जिसमें 63 प्रतिशत पुरुष और 37 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। जबकि 13 प्रतिशत परिवारों में एक सदस्य वायरल चके चपेट में हैं। वहीं 13 प्रतिशत परिवार में दो से तीन लोग इस वक्त वायरल से गुजर रहे हैं। इसके अलावा 13 प्रतिशत परिवार के चार या उससे अधिक लोग इस वक्त बीमार हैं। स्कूली बच्चे एडेनोवायरस से प्रभावित हैं और ज्यादातर का इलाज ओपीडी के जरिये किया जा रहा है।
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