नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित दवा निर्माण की समय-सीमा पर भारत अड़ गया है। भारत ने दवा निर्माताओं के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। इसमें उन्होंने अपनी विनिर्माण सुविधाओं को उन्नत करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। हाल ही में स्थानीय स्तर पर उत्पादित कफ सिरप पीने से कम से कम 24 बच्चों की मौत पर जनता में रोष व्याप्त है।
बता दें कि दवा कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था, कि उनके संयंत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित मानकों को पूरा करें। यह अधिदेश तब स्थापित किया था, जब भारत में निर्मित कफ सिरप का संबंध अफ्रीका और मध्य एशिया में 140 से ज़्यादा बच्चों की मौत से जुड़ा पाया गया। इससे भारत की दुनिया की फार्मेसी की छवि को गहरा धक्का लगा।
प्रमुख दवा कंपनियों ने जून 2024 की समय-सीमा पूरी कर ली। वहीं छोटी कंपनियों को उनके दिसंबर 2024 के अलग लक्ष्य में 12 महीने की छूट दी गई।