अमृतसर (पंजाब)। प्राइवेट अस्पताल में चल रही अवैध दवा दुकानों के लाइसेंस कैंसिल किए गए हैं। यह कार्रवाई पंजाब जोनल ड्रग अथॉरिटी ने की। बटाला रोड स्थित कॉरपोरेट अस्पताल और फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड स्थित लाइफ केयर अस्पतालों के भीतर अवैध दवा दुकाने मिली। इन दोनों दवा दुकानों के लाइसेंस रद कर दिए हैं। दोनों अस्पताल अब दवा दुकान नहीं चला पाएंगे। आरोप है कि दोनों दवा दुकान के मालिक डिमांड से ज्यादा और बिल के बगैर नशीली दवाओं का कारोबार कर रहे थे।
लाइफ केयर अस्पताल का संचालक परवीन कुमार फरार हैं। कॉरपोरेट अस्पताल के मालिक डा. जतिंदर मल्होत्रा और डा. दविंदर राजन पिछले ढाई महीने से जेल में बंद हैं। फार्मा ब्लस्टिा फार्मा के मालिक दीपक भंडारी, उसके भाई अमित भंडारी सहित आठ लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जांच कर मौके से 31 हजार सात सौ नशीली गोलियां बरामद की थीं।
एनसीबी ने डा. जतिंदर मल्होत्रा, डाक्टर दविंदर राजन, अमित भंडारी को गिरफ्तार कर लिया था। दीपक की गिरफ्तारी काफी दिन बाद चंडीगढ़ से की गई। पता चला कि दीपक और अमित ने दोनों अस्पतालों को डिमांड से ज्यादा नशे की दवाएं सप्लाई की थीं। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। स्टेट ड्रग अथॉरिटी ने अब दोनों अस्पतालों की दवा दुकानों की लाइसेंस रद्द कर दिए है।