नई दिल्ली। कैग रिपोर्ट में राजधानी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों की पोल खुल गई है। मोहल्ला क्लीनिक समेत कई मुफ्त योजनाओं के दम पर आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक दशक से ज्यादा सत्ता में रही। इस बार चुनाव प्रचार में भी आम आदमी पार्टी ने इन मुफ्त योजनाओं का खूब प्रचार प्रसार किया। दिल्ली के लोगों को स्वास्थ्य सेवा कैसी मिल रही थी, उसकी कलई अब खुलने लगी है।

कैग रिपोर्ट की ऑडिट से पता चला है कि दिल्ली के सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में महत्वपूर्ण कमियां हैं। 27 अस्पतालों के ऑडिट में सामने आया कि इनमें से 50 फीसदी अस्पतालों में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। 60 फीसदी अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं और 8 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्रणाली की कमी थी। इनके अलावा, 15 अस्पतालों में मुरदा घर नहीं थे और 12 में एम्बुलेंस सेवाएं नहीं थीं।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में स्टाफ की कमी भी सामने आई। इसमें नर्सिंग और पैरामेडिक पदों पर 21 और 38 फीसदी जगह खाली थी। राजीव गांधी और जनकपुरी जैसे सुपर-स्पेशियलिटी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए 74 फीसदी, नर्सिंग स्टाफ के लिए 96 फीसदी और पैरामेडिक्स के लिए 62 फीसदी पद खाली थे। 32,000 बिस्तर जोडऩे की योजना के बावजूद, केवल 1,357 बिस्तर ही जोड़े गए।