डॉक्टरों को दिया जाने वाला गिफ्ट रिश्वत : हाईकोर्ट

नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को दिया जाने वाले गिफ्ट को रिश्वत करार दे दिया है। दरअसल, फार्मास्यूटिकल कंपनियों पर यह आरोप लगता रहा है कि वह अपने प्रोडक्ट का प्रचार करने के लिए डॉक्टरों को रिश्वत देती हैं और इसका बोझ दवा खरीदारों पर पड़ता है। कई बार ये कंपनियां लाइसेंस फीस और टैक्स देनदारी का बोझ भी ग्राहकों पर डालती हैं। डॉक्टर से कोई अछूता नहीं रहता है। ऐसे में यह सभी का अनुभव है कि कई बार अस्पताल और डॉक्टर बेवजह कई सारे टेस्ट करवाते हैं और सस्ती दवाओं की जगह पर महंगी दवाएं लिख देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मद्रास हाईकोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8667 मेडिकल कंपनियों ने गिफ्ट देनदारी को लेकर टैक्स में छूट की मांग की है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि दवा कंपनियां सेल्स प्रमोशन और लाइसेंस एंड टैक्स में हुए खर्च पर इनकम टैक्स में डिडक्शन की मांग कर रही हैं। कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि डॉक्टरों को दिया जाना वाला गिफ्ट उन्हें रिश्वत देने जैसा है। बता दें कि कानून में रिश्वत देने पर मनाही है। इसके बावजूद ये कंपनियां दवाई के प्रचार के लिए डॉक्टरों को ट्रैवल सुविधा, हॉस्पिटैलिटी, कैश और अन्य तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाती हैं। कई बार दवाओं के दाम भी बेवजह बढ़ा दिए जाते हैं।

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