निजी अस्पताल गलत तरीके से दे रहे डिग्रियां

अस्पताल
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नई दिल्ली। निजी अस्पताल कायदे-कानून की अनदेखी कर मेडिकल स्नातकोत्तर (पीजी) की विदेशी डिग्रियां दे रहे हैं, जबकि ये पाठ्यक्रम देश में पढ़ाई के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे ही निजी चिकित्सा संस्थान द्वारा एमबीबीएस पास डॉक्टरों के लिए इंटरनल मेडिसिन में तीन साल के स्नातकोत्तर सीएमटी (कोर मेडिकल ट्रेनिंग) और इमरजेंसी मेडिसिन में मास्टर डिग्री के लिए विज्ञापन निकालने पर दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने एतराज जताया है। विज्ञापन में दावा किया गया है कि सीएमटी कोर्स यूनाइटेड किंगडम (यूके) के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन के साथ मिलकर संचालित किया जा रहा है। यह यूके के एमआरसीपी (मेंबरशिप ऑफ द रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन) कोर्स से जुड़ा हुआ है, जो भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई) से मान्यता प्राप्त है और एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) के समकक्ष है। इसके अलावा अमेरिका के संस्थान के सहयोग से इमरजेंसी मेडिसिन में तीन साल के कोर्स के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस पर डीएमसी के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश त्यागी ने कहा कि यूके से एमआरसीपी कोर्स करने के बाद डॉक्टर यहां आकर प्रैक्टिस कर सकते हैं, पर यह कोर्स भारत में संचालित नहीं हो सकता है, क्योंकि ऐसे विदेशी कोर्स के संचालन के लिए एमसीआई की मान्यता नहीं है। यहां से इस स्नातकोत्तर कोर्स को करने के बाद डॉक्टर देश के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी का प्रशिक्षण नहीं ले सकते हैं और फैकल्टी नहीं बन सकते हैं। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यूके से एमआरसीपी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को पहले यहां प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब एमसीआइ ने ऐसे डॉक्टरों को यहां प्रैक्टिस करने के लिए मान्यता दे दी है। सीएमटी कोर्स यहां के अस्पतालों में जरूर संचालित होगा, पर इसकी डिग्री यूके का संस्थान देगा और उस डिग्री पर यह नहीं लिखा होता कि इसकी पढ़ाई किस जगह से की गई है। सीएमटी के बाद डॉक्टर देश-विदेश में प्रैक्टिस कर सकेंगे। इसके अलावा यह कोर्स पूरा करने के बाद यूके से सुपर स्पेशियलिटी कोर्स भी कर सकते हैं। डीएमसी के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि इस तरह के कोर्स कई निजी अस्पताल संचालित कर रहे हैं, पर उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए डीएमसी के पास नोटिस देने का अधिकार नहीं है।
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