प्रशांत गुप्ता नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने बड़े बदलावों के साथ MBBS सत्र 2023-24 का नया सिलेबस-कैरिकुलम जारी कर दिया है। 1 अगस्त 2023 से ये लागू किया हो गया है। 1 सितंबर 2023 से तहत पढ़ाई शुरु होने जा रही है।

अब छात्रों को फर्स्ट ईयर से ही क्लीनिकल बेस्ड एजुकेशन (प्रैक्टिकल) मिलेगा, जो बीते सत्र तक सेकंड ईयर से मिलता था। पहले छात्रों को प्रैक्टिकल और थ्योरी में 50-50 प्रतिशत पासिंग अंक जरुरी था लेकिन  अब इसे दोनों मिलाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है।

एनएमसी ने सभी मेडिकल कॉलेजों डीन साथ और सभी मेडिकल यूनीवर्सिटीज के कुलपतियों के साथ दो दिन बैठक की। इस दौरान एनएमसी ने नए बदलावों की जानकारी दी। वहीं नए कैरिकुलम बदलावों पर कॉलेजों की ओर से स्पष्टता नहीं होने की बात कही गई है।

NMC ने जारी नई गाइडलाइन

1. यूनीवर्सिटीज को 5 हफ्ते के अंदर सप्लीमेंट्री एग्जाम लेना होगा। छात्र पुराने बैच के साथ पढ़ाई नहीं करेगा, रेगुलर बैच के साथ ही पढ़ाई जारी रखेगा। पहले छात्र 6 महीने पिछड़ जाते थे।

2. छात्रों का एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में किसी भी कंडीशन में ट्रांसफर नहीं होगा। पूर्व में कई छात्रों ने मेडिकल ग्राउंड पर ट्रांसफर लिए हैं।

3. एक छात्र को परीक्षा पास करने के लिए 4 अटैम्प्ट ही मिलेंगे। इसके पहले तक कोई समय-सीमा तय नहीं थी।

4. पहले बैच से प्रैक्टिकल बेस्ड पढ़ाई होगी। इसके पहले फर्स्ट ईयर में एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री नॉन क्लीनिकल सब्जेक्ट थे।

5. एमबीबीएस, एमडी-एमएस ही एग्जामिनर (परीक्षक) होंगे। नॉन मेडिकल प्रोफेसर (एम.एससी. और पीएचडी) की नियुक्ति एग्जामिनर के तौर पर नहीं की जा सकेगी।

6. फैकल्टी-छात्रों के लिए बायोमेट्रिक्स सिस्टम को आधार से लिंक किया गया है। कॉलेज और हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।

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