लखनऊ। गर्भवती महिला की मौत के मामले में निजी अस्पताल को नोटिस सौंपा गया है। बता दें कि बीकेटी स्थित निजी अस्पताल में खून चढ़ाने के दौरान महिला और उसके गर्भ में नौ माह के बच्चे की मौत हो गई थी। नोटिस में निजी अस्पताल से ब्लड बैंक का नाम पूछा गया है और तीन दिनों में जवाब न मिलने पर अस्पताल को सील किया जाएगा।
यह है मामला
इंटौजा निवासी उमाकांत की पत्नी आशा देवी नौ माह की गर्भवती थी। हीमोग्लोविन कम होने पर विश्वास अस्पताल के डॉक्टर ने एक यूनिट खून चढ़ाने की बात कही। खून चढ़ते ही गर्भवती की तबीयत बिगड़ गई और आठ जनवरी को उसकी मौत हो गई। परिजन ने लापरवाही का आरोप लगा हंगामा किया तो अस्पताल संचालक व स्टाफ फरार हो गया।
पति ने बताया कि आशा कार्यकर्ता के कहने पर विश्वास अस्पताल में पत्नी को भर्ती कराया था। आरोप है कि खून चढ़ाने के लिए 15 हजार रुपये भी लिए थे। ड्रग विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से दस्तावेज मांगे थे ताकि पता चले कि किस ब्लड बैंक से खून लाकर चढ़ाया गया। स्वास्थ्य विभाग से जवाब न मिलने पर ड्रग विभाग ने निजी अस्पताल को नोटिस जारी किया है।
परिजनों का कहना है निजी अस्पताल से कोई समझौता नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू नहीं की है। पुलिस से भी शिकायत की थी। आरोप है पुलिस व स्वास्थ्य दोनों विभाग जांच के नाम पर खेल कर रहे हैं। उधर, सीएचसी प्रभारी जेपी सिंह का कहना है कि लिखित शिकायत नहीं मिली है।