भोपाल (मध्यप्रदेश)। दवा निर्माता आठ कंपनियों को नोटिस थमाए गए हैं। छिंदवाड़ा में कफ सिरप मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद ओरल दवाओं के लिए गैस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी जांच जरूरी की है। औषधि प्रशासन ने जीएमपी का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की है।

निरीक्षण के दौरान कई जिलों में दवा निर्माण में अनियमितता पाई। कई फार्मा कंपनियां जीएमपी का पालन करती हुई नहीं मिली। 8 फार्मा कंपनियों को शो कॉज नोटिस दिए हैं। साथ ही दवा निर्माण में रोक लगा दी। इसी साल अक्टूबर माह में ऐसी 8 कंपनियों पर कार्रवाई हुई है।

निरीक्षण में कास्मेटिक एक्ट के तहत काम करना नहीं पाया गया। इसमें ज्यादातर इंदौर की फार्मा कंपनियां शामिल हैं। इसमें से एक दवा निर्माता कंपनी का लाइसेंस भी रद्द किया है। दवा निर्माता सेजा फॉर्मूलेशन इंदौर को शो कॉज नोटिस जारी किया है। ओरल लिक्विड और टैबलेट सेक्शन के निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश दिए हैं।

विशाल फार्मास्यूटिकल्स लैबोरेट्रीज इंदौर को शो कॉज नोटिस जारी किया है। वहीं, ओरल लिक्विड सेक्शन को निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश जारी किया है। सैंमकेम इंदौर को शो कॉज नोटिस जारी किया है। ओरल लिक्विड और टैबलेट सेक्शन के निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश दिए हैं।

विलक्योर रेमेडीज प्रा. लि इंदौर को शो कॉज नोटिस जारी किया है। ओरल लिक्विट सेक्शन के निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश दिए गए हैं। सुदर्शन फार्मास्यूटिकल्स में ओरल लिक्विड उत्पादों के निर्माण की अनुमति नहीं है। माडर्न लेबोरेट्ररीज इंदौर के लिए डिप्टी ड्रग कंट्रोलर की अनुशंसा बाकी है।

शील केमिकल इंडस्ट्रीज ग्वालियर को शो कॉज नोटिस जारी किया है। साथ ही, ओरल लिक्विड उत्पादों के निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश जारी हुए हैं। वहीं ऐडकॉन लैब्स इंदौर का दवा निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया है।