गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। डी-फार्मा और एमबीबीएस की फर्जी डिग्री देने वाले डॉ. राजेश कुमार के साथी सुशील चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में खुद डॉ. राजेश की एमबीबीएस की डिग्री भी फर्जी मिली है। इसे उसने चंडीगढ़ के एक कॉलेज के नाम पर फर्जी तरीके से बनवाया है।

हालांकि, वह स्वास्थ्य विभाग में बीएमएस की डिग्री पर नौकरी कर रहा था, जो सही है। पुलिस पूछताछ में उसने अपने दो और साथियों के नाम बताए हैं। ये दोनों नोएडा के रहने वाले हैं। पता चला कि उसी की मदद से यह दोनों फर्जी डिग्री तैयार करके रुपये हड़पते थे। आरोपितों के पास से पुलिस ने 21 फर्जी डिग्री बरामद की हंै।

आरोपितों ने 15 लोगों को फर्जी डिग्री दे भी दी है। आरोपित डॉ. राजेश कुमार एम्स इलाके के कूड़ाघाट का निवासी है, जबकि उसका साथी सुशील कुमार चौधरी संत कबीरनगर जिले के खलीलाबाद क्षेत्र के पठान टोला का निवासी है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ सितंबर 2024 में केस दर्ज किया गया था।

यह केस स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत उरुवा बाजार क्षेत्र के लोहरा निवासी सूर्य प्रताप सिंह ने दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। कुछ साथी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं।