मुंबई। होम्योपैथ को आधुनिक दवाएं लिखने की अनुमति का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने विरोध जताया है। आईएमए ने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) की अधिसूचना की आलोचना की। अधिसूचना में होम्योपैथ को फार्माकोलॉजी में छह महीने का कोर्स पूरा करने के बाद आधुनिक दवाएं लिखने की अनुमति देने की बात कही गई है।
यह आदेश महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) की 30 जून की अधिसूचना के बाद आया है। इसमें कहा गया है कि होम्योपैथी चिकित्सकों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में अभ्यास करने के लिए आधुनिक औषध विज्ञान में सर्टिफिकेट कोर्स (सीसीएमपी) शुरू करने की अनुमति दे दी है।
आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवकुमार उत्तुरे ने कहा कि यह पूरी तरह गलत है और हम इसके खिलाफ हैं। यह मरीजों को धोखा देगा और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को कमजोर करेगा। फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और आईएमए ने बंबई उच्च न्यायालय मे याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि 2014 में राज्य सरकार ने महाराष्ट्र होम्योपैथिक प्रैक्टिशनर्स एक्ट और महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल एक्ट 1965 में संशोधन किया। होम्योपैथ को कुछ शर्तों के तहत आधुनिक दवाएं लिखने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि आईएमए ने इन संशोधनों को बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।