हरिद्वार। पतंजलि की दवा को सोरायसिस बीमारी के इलाज में कारगर पाया गया है। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से किए गए शोध को विश्व प्रसिद्ध समूह के रिसर्च जर्नल में प्रकाशित किया गया है। शोध के अनुसार पतंजलि की सोरोग्रिट टैबलेट और दिव्य तेल सोरायसिस बीमारी के इलाज में प्रभावशाली साबित हुई हैं।

पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि के वैज्ञानिकों ने लम्बे समय से शोध करके सोरायसिस की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की है। सोरायसिस एक पुराना और तकलीफदेह त्वचा रोग है। यह एक ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली खुद ही त्वचा पर हमला करने लगती है। इससे त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली और सफेद-सी परतें बनने लगती हैं। आमतौर पर इसका इलाज एलोपैथी में सिर्फ लक्षणों को दबाने तक सीमित होता है लेकिन लंबे समय तक इसका समाधान नहीं होता। अब पतंजलि आयुर्वेद में इस बीमारी के इलाज को लेकर उम्मीद की एक किरण जगी है।

एलोपैथिक चिकित्सा में इस रोग में मात्र लक्षणों को कम किया जाता है और साथ ही एलोपैथ के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। सोरायसिस का अभी तक इसका कोई स्थाई इलाज नहीं था। अब पतंजलि ने सिद्ध कर दिया है कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से सोरायसिस जैसे लाइलाज समझे जाने वाले रोग को भी ठीक किया जा सकता है।
सोरोग्रिट और दिव्य तेल दोनों ही आयुर्वेदिक औषधियों पर आधारित हैं।

इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियां त्वचा की सूजन को कम करती हैं। त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करती हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली को संतुलित करती हैं। यह इलाज ना केवल लक्षणों को कम करता है, बल्कि रोग की जड़ पर काम करता है, जिससे दीर्घकालिक राहत संभव हो पाती है।