नई दिल्ली। बी फार्मा के सिलेबस में देशभर में बदलाव करने का पीसीआई ने फैसला लिया है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया यानी पीसीआई ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि पीसीआई देश में फार्मेसी प्रोफेशनल और शिक्षा का सबसे बड़ा संगठन है। बी फार्मा के नए सिलेबस में फार्मेसी की परंपरागत शिक्षा के साथ नई टेक्नोलॅाजी को जोडऩे की कोशिश है और इसका फायदा विशेष बी फार्मा करने वाले छात्रों को होगा।
यह है मामला
बी फार्मा के सिलेबस में एक दशक बाद बदलाव होने जा रहा है। पीसीआई के चेयरमैन एजुकेशन कमेटी और सदस्य दीपेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं के परिदृश्य को बदल दिया है। इसके बाद देश में फार्मासिस्ट की डिमांड बढ़ी है। हालांकि स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी के बढ़ते प्रभाव की वजह से सिलेबस में बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव के पीछे मुख्य मकसद छात्रों को आवश्यक स्किल उपलब्ध कराना है जिससे कि वे पारंपरिक फार्मेसी के साथ ही मॉर्डन फार्मेसी सीख सकें।
नया सिलेबस तैयार करने के बाद इस पर सुझाव और आपत्ति के लिए उसके ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में डालेगी। फिर उसे मंजूरी के केंद्रीय परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। जहां से मंजूरी के बाद सिलेबस लागू किया जाएगा। उम्मीद है है कि शैक्षणिक सत्र 2027-28 से बी फार्मा का नया सिलेबस लागू हो जाएगा।