पटना (बिहार)। फर्जी प्रोफाइल बनाकर नौकरी पाने वाले फार्मासिस्ट ब्लैकलिस्ट किए जाएंगे। एक आधार व पैन नंबर पर डिजी फार्म पोर्टल पर कई फर्जी प्रोफाइल बनाकर फार्मेसी संस्थानों में शिक्षक की नौकरी करने वालों को अब ब्लैक लिस्ट

गौरतलब है कि प्रदेश के ऐसे बहुत से शिक्षकों को फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने डिजी फार्म पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट कर दिया है। बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल के सदस्य अर्जेश राज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फार्मेसी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए काउंसिल का यह कदम सराहनीय है। देश के अन्य राज्यों में भी बहुत से फर्जी शिक्षक सिर्फ कागजों पर फार्मेसी कालेजों में पढ़ा रहे हैं। इसी तर्ज पर अब बिहार फार्मेसी काउंसिल भी सख्त कार्रवाई करने जा रहा है।

बताया गया है कि नए साल 2025 में उन्हीं फार्मासिस्टों के निबंधन का नवीनीकरण किया जाएगा जो फार्मेसी शिक्षा के डिप्लोमा या बी-फार्म डिग्री किए होंगे।
अब केवल अनुभव के आधार पर निबंधन नहीं होगा। अर्जेश राज श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार राज्य में अनुभव के आधार पर कुल 1,902 फार्मासिस्ट निबंधन करा दुकान-नौकरी या अन्य व्यवसाय कर रहे हैं। सभी फार्मासिस्टों को अब अनिवार्य रूप से शैक्षणिक योग्यता, जन्मतिथि के लिए मैट्रिक प्रमाणपत्र, आधार कार्ड की स्व अभिप्रमाणित प्रति व दो सौ रुपये के पोस्टल आर्डर के साथ नवीनीकरण फार्म जमा करना अनिवार्य होगा। मार्च के बाद अन्य सभी निबंधन रद कर दिए जाएंगे।

फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया ने डिजी फार्मामेड पोर्टल के पुनर्निरीक्षण में पाया कि कई संस्थानों में काम करने वाले शिक्षकों का आधार या पैन नंबर एक ही है। वहीं, बहुत से लोगों ने आधार की डिजिट 12 से कम या अधिक कम दी थी तो पैन नंबर के साथ भी यही खेला किया गया था। ये संस्थानों में शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे लेकिन उनके प्रोफाइल नंबर में राज्य फार्मेसी काउंसिल का नंबर नहीं लिखा गया था। इसके बाद ऐसे फार्मासिस्ट को डिजिमेड पोर्टल से ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय लिया है।