बिहारशरीफ़। मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी कर तीन दुकानों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। ड्रग विभाग के अधिकारियों ने सितंबर में जिले में 58 मेडिकल स्टोरों पर जांच की। इनमें तीन दुकानदारों के पास पूरे कागजात नहीं मिले। दवाओं का रखरखाव भी मानक के अनुसार नहीं पाया गया। इस कारण तीन दवा दुकानों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हंै।

बता दें कि जिले को तीन नए ड्रग निरीक्षक मिले हैं। इसके बाद से जांच की कार्रवाई तेज हो गई है। इस क्रम में होम्योपैथ दवा दुकानों व गोदामों की भी उत्पाद विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जांच की गई। इसमें दवा के क्रय-विक्रय, डॉक्टरों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र व दवाओं का कहीं अन्य जगहों पर खरीद-बिक्री होने की जांच की गई।

सहायक औषधि नियंत्रक राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कुमार सिनेमा परिसर के एक थोक विक्रेता, दवा दुकानदार के पास दवाओं का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला। इसी तरह, बड़ी पहाड़ी मोहल्ला की एक दवा दुकान में बिल सही नहीं मिलने और एक्सपायरी दवाओं की समुचित रखरखाव नहीं मिली। चार दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है। तीन दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। इसके अलावा, अधिकारियों की शिकायत पर तीन जगह झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा मरीजों से अवैध तरीके से इलाज कर आर्थिक शोषण की जांच के लिए छापेमारी की गयी। ड्रग निरीक्षकों ने लोगों से दवा लेने समय दुकानदार से सही बिल लेने की अपील की है, ताकि जरूरत पड़ने पर शिकायत की जा सके।

ये रहे शामिल

छापेमारी दल में ड्रग निरीक्षक संजीव कुमार, अनिल कुमार चौरसिया, समरीन प्रवीण, प्रियंका भारती, उत्पाद विभाग के अधीक्षक उमाशंकर प्रसाद व अन्य शामिल थे।