आगरा (उप्र)। अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर आदि का लाइसेंस लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नियम बदल दिए हैं। अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, क्लीनिक और रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर का रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल से शुरू होगा।
अब अस्पतालों के लिए फायर एनओसी या विभाग की ओर से सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट के बाद ही लाइसेंस दिया जाएगा। इनकी रिपोर्ट नहीं होने पर लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा।
यह है मामला
स्वास्थ्य विभाग में 492 क्लीनिक, 487 अस्पताल, 150 पैथोलॉजी लैब, 103 डायग्नोस्टिक सेंटर और 85 डेंटल क्लीनिक रजिस्टर्ड हैं। बीते साल नवंबर में झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई थी। इस पर शहर के अस्पतालों की ऑडिट कराई गई। इसमें 50 से अधिक अस्पतालों में अग्निशमन उपकरण खराब मिले थे। कई पर एनओसी और सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट नहीं थी।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एक अप्रैल से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो रही है। अब नियमानुसार 2025-26 सत्र के पंजीकरण में फायर एनओसी और फायर सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट बिना लाइसेंस नहीं मिलेगा।
चिकित्सकों को अस्पताल, लैब और रेडियो डायग्नोस्टिक में सेवाएं देने वाले चिकित्सक को संस्थान का नाम, उसमें सेवाएं देने का समय भी दर्ज करना होगा। निरीक्षण के वक्त संबंधित चिकित्सक मौके पर नहीं मिलने पर अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा।