रायबरेली (उप्र)। मेडिकल स्टोरों पर रेड कर 22 नशीली दवाओं की बिक्री रोकी है। ड्रग इंस्पेक्टर शीवेंद्र प्रताप सिंह ने दुकानों पर छापा मारा तो 22 प्रकार की दवाओं का लेखाजोखा नहीं मिला। उन्होंने इन दवाओं की बिक्री को रोक दिया और छह संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए हैं। एम्स के पास एक मेडिकल स्टोर को बंद करा दिया। चारों मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस देकर जवाब मांगा है।

यह है मामला

एम्स के पास संचालित जय मां दुर्गा मेडिकल स्टोर का फॉर्मासिस्ट मौके पर नहीं मिला। दवाओं के बिल भी नहीं मिले। पांच प्रकार की नारकोटिक्स दवाएं मिलीं, लेकिन उनका लेखाजोखा नहीं मिला। तमाम कमियां मिलने पर मेडिकल स्टोर को अग्रिम आदेशों तक बंद करा दिया। वहीं, श्याम मेडिकल स्टोर सराय परशदेपुर में भी फार्मासिस्ट नहीं मिला।

यहां पर न कैशमेमो काटा जा रहा था और न ही दवाओं के बिल दुकान में मिले। यहां भी बिना बिल के ही चार प्रकार की नाकोटिक्स दवाएं बेची जा रही थीं। दो संदिग्ध दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। श्री विनायक मेडिकल स्टोर जिला परिषद मार्केट बाजार में किसी भी औषधि का विक्रय अभिलेख नहीं मिला। यहां आठ प्रकार की नाकोटिक्स दवाएं रखी मिलीं, लेकिन किसी भी दवा का बिल नहीं मिला। धड़ल्ले से इन दवाओं की बिक्री की जा रही थी। यहां भी दो प्रकार की दवाओं की बिक्री को रोका है।

नमन मेडिकल स्टोर रूप भवन इंदिरानगर में न फार्मासिस्ट मिला और न ही दवाओं के बिल मिले। यहां चार प्रकार की नारकोटिक्स दवाओं को बिक्री के लिए रखा गया था। दो संदिग्ध दवाओं के सैंपल लिए हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि सैंपलों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा है। मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस देकर नशीली दवाओं के संबंध में अभिलेख मांगे हैं। अभिलेख उपलब्ध न कराने पर लाइसेंस निलंबित किया जाएगा।