बदायूं। ब्लीडिंग रोकने वाली दवा का सैंपल जांच में फेल पाया गया है। इसके चलते उक्त दवा की सप्लाई रोक दी गई है। बता दें कि प्रसव व ऑपरेशन के दौरान अधिक खून बहने पर मरीजों को मिथाइल एर्गोमेट्रिन दवा दी जाती है। जिले के ड्रग वेयर हाउस में रखी 24 हजार से ज्यादा दवाएं जांच में फेल पाई गई हैं। शासन से इन दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी है। अब इसे वापस किया जाएगा।

यह है मामला

जिले में दवाओं की सप्लाई के लिए वितरोई में ड्रग वेयर हॉउस बना हुआ है। यहां से सीएचसी, पीएचसी व जिला अस्पताल में दवाओं की सप्लाई होती है। चार माह पहले उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉपोरेशन की ओर से 24 हजार मिथाइल एर्गोमेट्रिन दवाएं भेजी गई थी। वहां से इनका सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया गया। लैब से 30 अप्रैल को दवा की रिपोर्ट आई।

जांच में यह दवा मानकों पर खरी नहीं उतरी। ड्रग वेयर हॉउस के चीफ फार्मासिस्ट पंकज शंखधर ने बताया कि इस दवा की सप्लाई रोक दी है और इस दवा को वापस मंगवाया है। हालांकि अभी यह दवा जिले में सप्लाई नहीं हो सकी थी। इस वजह से मरीजों में इस्तेमाल नहीं हो सकी।

खुजली की दवा भी हो चुकी फेल

खुजली के लिए सरकारी अस्पतालों में माइक्रोनाजोल दिया जाता है। साल भर पहले यह माइक्रोनाजोल की गुणवत्ता की सरकार ने जांच कराई तो वह फेल हो गया। इसका भी वितरण नहीं किया जा सका और इस दवा को वापस भेज दिया गया।