रायपुर (छत्तीसगढ़)। दवा घोटाले में आरोपी शशांक चोपड़ा की 40 करोड़ की संपत्ति सीज कर दी गई है। सीजीएमएससी के दवा खरीद घोटाले में ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है। मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा की 40 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई हाल ही में 20 ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद सामने आई है।

इसकी जांच राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही है। लगभग 450 करोड़ के दवा और रीएजेंट की खरीद-फरोख्त में भारी अनियमितताएं आई हैं। मोक्षित कॉर्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा पर घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। फिलहाल वह अन्य 5 आरोपियों के साथ जेल में बंद हैं। इनमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।

यह है मामला

जांच में सामने आया कि शशांक चोपड़ा ने अधिकारियों को रिश्वत देकर निविदाएं हड़पीं। टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर पूल टेंडरिंग की गई। इसमें अन्य कंपनियों के मुकाबले कम कीमत दर्शाकर ठेका मोक्षित को दिलाया गया। इसके बाद सप्लाई महंगे दामों पर की गई।

8 रुपये की दवा 23 रुपये में सप्लाई की गई। इसके अलावा ट्रीटमेंट मशीनें महंगे दामों पर खरीदी गईं। ये सभी जगह स्थापित नहीं की गईं। कुछ मशीनें इंस्टॉल होने के बाद भी अचानक लॉक कर दी गईं। इससे शासन को भारी नुकसान हुआ। केवल रीएजेंट की बर्बादी से ही करीब 95 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

इस मामले में अब तक कई सरकारी अफसरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शशांक चोपड़ा ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर दी।

अब ईडी की जांच शुरू होने से मामले ने नया मोड़ ले लिया है। संपत्ति जब्ती के साथ इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की भी पड़ताल हो रही है। आगे और भी गिरफ्तारियां और संपत्तियां जब्त हो सकती हैं।