लखनऊ। अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तस्करी का मामला पकड़ में आया है। जीआरपी ने इसकी खेप को बिहार से लाकर खपाने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में तीनों ने सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर, बाराबंकी समेत अन्य जिलों में किसानों, दवा कारोबारियों और पोल्ट्री फार्म संचालकों को ऑक्सीटोसिन की सप्लाई करने की बात स्वीकारी है।
जीआरपी प्रभारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि ठाकुरगंज निवासी मो. इलियास, पारा निवासी श्यामू गुप्ता और हरदोई निवासी सुलखान सिंह को बुद्घेश्वर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने कुबूला कि वे बिहार से कम दाम पर ऑक्सीटोसिन लेकर ट्रेन के जरिये लखनऊ भेजते थे।
बिहार से लाई गई ऑक्सीटोसिन की ये फुटकर में सप्लाई करते थे। इससे पकड़े जाने का खतरा कम रहता है। बता दें कि ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल दुधारू पशुओं पर किया जाता है। पशुओं को इंजेक्शन लगाने के बाद वे सुस्त हो जाते हैं। इसके बाद उनका सारा दूध निकाल लिया जाता है।
इससे पहले भी 16 नवंबर को चारबाग जीआरपी की टीम ने लखनऊ जंक्शन के पार्सलघर से 1087 लीटर ऑक्सीटोसिन के 38 पैकेट बरामद किए थे। इसकी कीमत एक करोड़ 93 लाख रुपये बताई गई थी। आरोपियों ने बताया कि छपरा के संतोष सिंह ने छपरा-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस से कुल 43 पैकेट लखनऊ भेजे थे।
गिरोह में शामिल सीतापुर के साथियों ने पांच पैकेट रिसीव भी कर लिए थे। इसी बीच जीआरपी को भनक लग गई और 38 पैकेट जब्त कर लिए गए। पड़ताल में तीन आरोपियों के नाम उजागर हुए और उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।