आगरा (उप्र)। नकली दवाओं के मामले में जांच फेल साबित हुई है। कुल 24 में से 23 सैंपल पास मिले हैं। इसके चलते दवा दुकानदारों ने इसे मिलीभगत बताया है।

यह है मामला

एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने नकली दवा मामले में हे मां मेडिको, राधे मेडिकल एजेंसी, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडी पोइंट और ताज मेडिको पर कार्रवाई की थी। इस दौरान 71 करोड़ रुपये की दवाएं सीज की थीं। पुडुचेरी की मीनाक्षी फार्मा से नामी कंपनियों के नाम से दवाएं खरीदी थीं। पुडुचेरी में नकली दवा बनाते हुए फैक्टरी भी पकड़ी थी। जांच के लिए भेजे गए 24 में से 23 सैंपल पास बताए गए हैं।

एक दवा घटिया मिली थी। इस मामले में जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि दवाएं नकली बताकर सीज की गईं तो सैंपल कैसे पास हो गए। दवाएं ठीक हैं तो सीज क्यों की गईं। इस पूरे मामले में औषधि विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच की मांग के लिए डीएम को ज्ञापन देंगे। आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा का कहना है कि जांच के नाम पर औषधि विभाग ने खानापूर्ति की है। शासन से मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। नकली मामले से दवा कारोबार पर असर पडऩे से व्यापार चौपट हो रहा है।

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय का कहना है कि सभी दवाओं की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जो सैंपल पास हो गए हैं, उनकी फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। इसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।