लखनऊ। नशीली दवाओं की अमेरिका में सप्लाई करने के आरोप में दो लोगों को अरेस्ट किया गया है। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मेसर्स हत्श टेलीकम्युनिकेशन के संचालकों शांतनु गुप्ता और अब्दुल वहाब यासिर पर की। दोनों को नशीले पदार्थों की तस्करी में लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने दोनों को दो दिन के लिए ईडी की रिमांड पर भेजा है।

यह है मामला

अमेरिका में नशीले पदार्थों की तस्करी में शांतनु गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस आधार पर ईडी ने भी वर्ष 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई कर रहे थे।

वह वेबसाइट से अमेरिकी नागरिकों का डाटा जुटाते थे। फिर उनको कॉल करते थे। ग्राहकों से ऑर्डर व भुगतान लेकर भारतीय डाक से प्रतिबंधित दवाएं भेजते थे। मेसर्स हत्श टेलीकॉम सहित कई कंपनियों के 43 बैंक खातों में 23.67 करोड़ रुपये दवाओं को भेजकर हासिल किए। ईडी ने आरोपियों की लखनऊ, बाराबंकी और उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर की 3.22 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों को 2023 में जब्त किया था।

लखनऊ में कॉल सेंटर

कंपनी के निदेशक शांतनु गुप्ता, शशांक गुप्ता, अब्दुल वहाब यासिर, मोहित हलदर, पुनीत दुबे व अन्य लखनऊ में एक कॉल सेंटर से नशीले पदार्थों का धंधा कर रहे थे। इन्होंने नौ फर्जी कंपनियां भी बनाई थीं और सॉफ्टवेयर का कारोबार करने का झांसा दे रहे थे। अमेरिका से ऑर्डर मिलने के बाद सागर अस्थाना और पुनीत दुबे डाक से ग्राहकों को पार्सल भेजते थे।